Tuesday, September 24, 2013

जो करें लड़कियां करें

रोहतक में धर्मेन्द्र और निधि की हत्या कर दी गई। उनका कसूर उन्होंने प्यार किया। कैसे कर सकते थे? समाज प्यार व्यार टाइप बातों को नहीं मानता। दोनों के गले निधि के परिजनों ने काटे। खापों का बयान आया परिवार का निजी फैसला था। हो सकता है हो। लेकिन उनको ऐसा करने के लिए मजबूर किसने किया? कौन कहता है की प्यार किया तो बिरादरी से बाहर कर दिया जायेगा, हुक्का पानी बंद कर देंगे?
फिर आया खापों का एक फैसला। लड़कियों के जीन्स-टॉप पहनने पर रोक। क्यों? क्योंकि इससे माहौल खराब होता है। कैसे? किसी लड़के की नजर और नीयत गन्दी है तो उसमें किसी लड़की का और उसके कपड़ों का क्या कसूर है। लड़कों को बुरका क्यों नहीं पहना देते। मुजफ्फरनगर में दंगा भड़का। मीडिया में आया लड़की को छेड़ने पर बात बिगड़ी। लड़की डर गई, बोली अब स्कूल नहीं जाउंगी। मेरी वजह से भाई चला गया, अब मैं नहीं पढूंगी। मुझे पता नहीं लेकिन लगता है शायद उसके माता-पिता ने भी उसका समर्थन ही किया होगा। ऐसा कब तक चलेगा और क्यों?
हर गलती का ठीकरा लड़कियों के सिर क्यों? पिता, भाई, पति, बेटे की गलती की सजा उन्हें क्यों?
कई घरों में मंगलवार और वीरवार को लड़की को बाल नहीं धोने दिए जाते। कई घरों में तो शनिवार को भी मनाही होती है। माँ भी मना करती थी। ऐसा क्यों? छोटी थी तो माँ की बात मान लेती थी। समझदार हुई तो सवाल उठाये। माँ से जवाब नहीं मिला तो सहेलियों से पूछा। पता चला उनके घरों में भी ऐसा ही है। फिर एक फ्रेंड ने बताया कि उसकी मम्मी ने बताया है कि जिसका एक भाई होता है उसे इन मंगल, वीर को बाल नहीं धोने चाहिए। बताने की जरुरत नहीं अगर ऐसा किया तो भाई को कुछ अनिष्ट हो सकता है। फनी है न, लेकिन सच।
बचपन से ही लड़कियों को समझा दिया जाता है की बाप-भाई की इज्जत उनके हाथ में है। उन्होंने कुछ गलत किया तो समझो सत्यानाश। लेकिन लड़कों को ऐसी कोई सीख नहीं दी जाती। उनको सब माफ़। वो आखिर अपने जो हैं