पिछले ५ साल में विभिन्न कार्यक्रमों
में 'अपियरेंस' देकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 करोड़ रुपये जमा कर चुके हैं। ये सारा पैसा उन्होंने भलाई के काम में दान कर दिया। भई वाह, गुजरात दंगों में तथाकथित राजधर्म न निभाने वाले मोदी यहाँ अपने समकक्षों से बहुत आगे निकल गए लगते हैं। दंगों के साए रह रह कर सामने आते रहते हैं, मगर मोदी चुपचाप अपना काम करते रहते हैं। ये बात भी उनके व्यक्तितत्व का एक ऐसा पहलु है जो आमतोर पर मीडिया की नजरों से छुपा ही रहता है। मीडिया जो भी कहे, पिछले विधानसभा चुनावों में मोदी को दोबारा सत्ता की चाबी देकर गुजरात की जनता ने अपना फैसला पूरे देश को सुना दिया था। उनकी कट्टर छवि के बारे में तो बहुत ख़बरें आती हैं मगर उनकी इस उजली छवि को मीडिया कम ही उजागर करता है। इसका कारण क्या है, मैं नहीं जानती। मगर इंडिया टुडे में मोदी के बारे में एक लेख पढ़कर मेरी उनके बारे में जो राय बनी थी, वो इस बात से पक्की हो गई की मोदी अपने गुजरात की जनता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। भले ही मोदी के आलोचक कुछ भी कहते रहें। मगर उनकी इस अपियरेंस' के जरिये सीएम ऑफिस पिछले 5 साल 23 करोड़ रुपये जमा कर चुका है। इस पैसे का बड़ा हिस्सा कन्या कल्याण निधि मे गया है, जहां इसका इस्तेमाल लड़कियों की शिक्षा के लिए किया गया है। मोदी जबसे सीएम बने हैं, इस फंड में 104 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। हाल ही में एक कॉरपोरेट हाउस ने मोदी को एक उद्घाटन के लिए बुलाया था, तो उसने सीएम रिलीफ फंड में 11 लाख रुपये दिए। मोदी इस पैसे को जनता के हित में ही खर्च कर देते हैं। वैसे मेरा मानना है की राजनीति में कुंवारे लोगों को ही आना चाहिए। अगर बाल बच्चे नहीं होंगे तो आखिर इंसान किसके लिए घपले करेगा। वाजपेयी भी इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। मोदी भी वाजपेयी के रास्ते पर चल रहे हैं, बस फर्क इतना है की मोदी को वाजपेयी से ज्यादा मौके मिल रहे हैं और मोदी इसका फायदा भी उठा रहे हैं।
वाकई मोदी साहब ''भलेमानस'' हैं... देखिए न गुजरात दंगों में कितनी भलमानसाहत दिखाई.....
ReplyDeleteगुजरात दंगों में मोदी की भूमिका पर मैं कोई कमेन्ट नहीं करना चाहती... मेरा मानना सिर्फ ये है की अगर कोई अच्छा काम कर रहा है तो हमे उसका समर्थन करना चाहिए. आखिर हर इंसान में अच्छे और बुरे गुण होते हैं. किसी ने एक बार गलती की तो उसका ये मतलब नहीं की हम उसके अच्छे कामों को नकार दें.....
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